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Thursday, June 14, 2007

हिन्दुस्तानी

खुशियाँ कम है तो क्या
आँखो मे कुछ गम है तो क्या
हम तो जी कर आये है
मौत पी कर आये है
आग आँखो मे हमारी
दोस्ती जान से प्यारी
आँसुओ के दहकते अंगारो मे
हमको ढ़ूढ लेना चाँद तारो मे
रगो मे जूनुन बहता है
दिल अपना टूटता रहता है
डरो के दिल मे मिलते है
आसमानो पर घूमते फिरते है
किस्मत की किताब के हर पन्ने पर लिखवा कर लाये है
दुशमनो के सीने पर तिरंगा गाड़ने आये है
हम है हिन्द की निशानी हिन्दुस्तानी
सूरज की आँखो से आँख मिलाते रहते है
बारिशो की बूदों से करते छेड़खानीहम है
हिन्द की निशानी हिन्दुस्तानी

आशिष

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